संवाददाता, पवन कुमार कश्यप
बरेली में 456 साल से लगातार ऐतिहासिक रामलीला का मंचन किया जा रहा है बिहार और अयोध्या से आए कलाकार भगवान श्री राम का जीवन मंचन करके लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं रामलीला को देखने के लिए यहां दूर-दूर से लोग आते हैं और पंडाल में भगवान श्री राम के जयकारे गूंजते रहते है।
रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति के अध्यक्ष रामगोपाल मिश्रा ने बताया कि 456 वर्ष पूर्व राजा जसवंत राव ने अपनी पुत्री राजकुमारी लक्ष्मीबाई के नाम पर रामलीला का मंचन शुरू कराया था। विवाह के बाद लक्ष्मीबाई के पति वसंत राव ने रामलीला मंचन के क्रम को आगे बढ़ाया। चौधरी तालाब से शुरू होने वाली रामलीला का मंचन बड़ा बाग और गुलाब नगर स्थित रानी साहब के फाटक पर प्रत्येक वर्ष धूमधाम से किया जाता है। मंचन के लिए कलाकार अयोध्या और बिहार के मधुबनी से आते हैं। अब तक लखनऊ, गोरखपुर व अन्य स्थानों के कलाकार रामलीला मंचन कर चुके हैं। मौजूदा समय में बिहार के मधुबनी जिले के श्री आदर्श रामलीला मंडल के 22 कलाकार रामलीला का मंचन कर रहे हैं। 27 सितंबर से शुरू हो रही रामलीला का मंचन 18 दिन लगातार चलेगा चौधरी तालाब पर यह रामलीला 7 दिन तक रहेगी जिसमें समुद्र पार के बाद रामलीला यहां से उठकर बड़े बाग रामलीला मैदान में चली जाएगी जहां पर दशहरे के दिन विशाल रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है साथ ही विशाल मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस मेले में प्रदेश के कोने-कोने से लोग 456 वर्ष पुरानी रामलीला को देखते हैं और उसके बाद मेले का भी आनंद उठाते हैं।