ज़ीलैडिया के रूप में दुनिया को मिला आठवां

महाद्वीप, 375 वर्षों बाद खोजा गया जिसका अधिकतर हिस्सा पानी में
जीलैंडिया मूल रूप से प्राचीन महाद्वीप गोंडवाना का हिस्सा था, जो करीब एक अरब से 54.2 करोड़ वर्ष पहले अस्तित्व में था। जीलैंडिया पर सदियों से किसी का ध्यान नहीं गया था। अब भूवैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया और इसका नक्शा बनाया।
रिपोर्ट के अनुसार, जीलैंडिया एक विशाल महाद्वीप है, जो मेडागास्कर के आकार से लगभग छह गुना बड़ा है, जो 1.89 मिलियन वर्ग मील या 4.9 मिलियन वर्ग किलोमीटर को कवर करता है। यह खोजा गया आठवां महाद्वीप है। यह सबसे छोटा और पतला भी है।
भूवैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में समुद्र तल से एकत्रित किये गए चट्टानों के नमूनों का उपयोग किया। इससे उन्हें इस महाद्वीप के संरचना और आकार का पता लगाने में मदद मिली। इसकी खोज में लगे भूवैज्ञानिकों ने पश्चिमी अंटार्कटिका में जियोलॉजिकल पैटर्न की स्टडी कर इस महाद्वीप के बारें में जानकारी दी है। साथ ही वैज्ञानिकों ने न्यूजीलैंड के पश्चिमी तट के पास कैंपबेल पठार के नजदीक सबडक्शन की संभावना जताई है। सबडक्शन वह प्रक्रिया है जब एक समुद्री प्लेट एक महाद्वीपीय प्लेट से टकराती है।
