टोक्यो. जापान दुनिया (Japan) का इकलौता ऐसा देश है जहां पर बुजुर्गों की आबादी (Japan Aging population) सबसे ज्यादा बताई गई है. यहां बुजुर्गों की आबादी का प्रतिशत सबसे अधिक है. इसके पीछे एक बड़ी वजह बर्थ रेट को बढ़ाने के लिए लगातार किए जा रहे सभी प्रयास असफल साबित होना भी है. इसके चलते ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2040 तक जापान में बुजुर्गों की आबादी 34.8 प्रतिशत हो जाएगी. पिछले साल जापान में जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या 800,000 से कम रिकॉर्ड हुई है जोकि 19वीं शताब्दी के शुरू होने के बाद पहली बार दर्ज हुई है. जापान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय का अनुमान है कि देश में 10 में से एक व्यक्ति की उम्र 80 या उससे अधिक है क्योंकि पहली बार जापान की आबादी में 80 से अधिक उम्र के लोगों की हिस्सेदारी 10% से अधिक है.
हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जापान के मंत्रालय की ओर से वृद्ध दिवस (Aged Day) पर सालाना रिपोर्ट जारी करते हुए जन्म दर में लगातार आ रही कमी पर चिंता जाहिर की गई है. रिपोर्ट की माने तो जापान (Japan) दुनिया का वह सबसे पुराना देश बन गया है जहां पर 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का अनुपात ज्यादा है. जापान में इस साल 65 वर्ष के लोगों की आबादी का अनुपात 29.1 फीसदी रिकॉर्ड किया गया है.
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रिपोर्ट के मुताबिक 65 या उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 10,000 कम होकर 36.2 मिलियन रह गई है. यह गिरावट 1950 के उपलब्ध डेटा की तुलना की जाए तो पहली बार दर्ज की गई. कुल 36.2 मिलियन में से 15.7 मिलियन पुरुष और 20.5 मिलियन महिलाएं हैं.
आंकड़ों के मुताबिक यह स्तर दूसरे स्थान पर रहे इटली (Italy) के 24.5 प्रतिशत और तीसरे स्थान पर रहे फिनलैंड (Finland) के 23.6 प्रतिशत के साथ तुलनात्मक तौर पर रिकॉर्ड किया गया है. इस सब तुलनात्मक रिकॉर्ड के आधार पर मंत्रालय का कहना है कि जापान (Japan) में दुनिया के मुकाबले बुजुर्गों की आबादी का प्रतिशत सबसे अधिक (Japan highest percentage of elderly population in world) है क्योंकि देश में जन्म दर में सुधार के प्रयास काफी हद तक असफल (birthrate have largely been unsuccessful) रहे हैं.
सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि बेबी बूमर की आबादी 75 या उससे अधिक हो जाने के साथ, जापान के 124.4 मिलियन लोगों की उम्र लगातार बढ़ रही है, क्योंकि 12.59 मिलियन लोग 80 या उससे अधिक उम्र के हैं जबकि 20 मिलियन 75 या उससे अधिक उम्र के हैं. परिणामस्वरूप, जापान बुजुर्ग श्रम शक्ति पर निर्भर है. क्योंकि 9 मिलियन से अधिक बुजुर्ग काम कर रहे हैं, जो कि वर्कफोर्स का कुल 13.6 फीसदी है. यानी जापान में 7 श्रमिकों में से एक बुजुर्ग श्रमिक हैं.
जापान में सभी बुजुर्गों में से एक चौथाई के पास जॉब्स हैं जोकि दक्षिण कोरिया के 36.2 प्रतिशत से कम है. इसकी संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका में 18.6 प्रतिशत और फ्रांस में 3.9 प्रतिशत के साथ कहीं आगे है. आंकड़ों से पता चलता है कि 70 से 74 साल के बीच की एक तिहाई से अधिक आबादी के पास जापान में नौकरियां हैं और 2040 तक जापान की बुजुर्ग आबादी का 34.8 प्रतिशत होने का अनुमान है.
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) ने कहा है कि अगर देश कठोर कदम नहीं उठाता है तो उसे कार्य करने की क्षमता खोने का डर है, लेकिन अधिकारी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को स्वीकार करने में संकोच कर रहे हैं. पीएम किशिदा का कहना है कि बढ़ती उम्र और घटती आबादी से जुड़ी ऐसी ही समस्याएं एशिया (Asia) के अन्य हिस्सों में भी फैल रही हैं. आने वाले दशकों में दक्षिण कोरिया (South Korea) को भी दुनिया जापान की राह पर चतला हुआ देखेगी. यानी यहां भी लोगों की उम्र बढ़ रही है और आबादी कम हो रही है. जबकि चीन की जनसंख्या 60 सालों में पहली बार 2022 में घटने लगी है.
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FIRST PUBLISHED : September 18, 2023, 12:08 IST