ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की लिबरल पार्टी में खालिस्तान समर्थकों के कथित समर्थन को लेकर बेचैनी गुरुवार को तब सामने आई जब उनकी पार्टी के हिंदू सांसद चंद्र आर्य (Chandra Arya) ने घोषणा की, ‘हमारे कनाडाई सिख भाई-बहनों का विशाल बहुमत खालिस्तान आंदोलन का समर्थन नहीं करता है.’ यह बयान लिबरल पार्टी के सुख धालीवाल के नेतृत्व में सिख सांसदों के एक वर्ग द्वारा भारत में समुदाय के खिलाफ ‘ज्यादतियों’ की आलोचना के बीच आया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार आर्य ने अमेरिका स्थित गैरकानूनी सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) के अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) पर कनाडा के हिंदुओं को एक नफरत भरे वीडियो के जरिए भड़काने की कोशिश करने और उन्हें भारत वापस जाने के लिए कहने और कनाडा में हिंदू और सिख समुदायों के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया.
हिंदू सांसद ने अपनी ही सरकार की निंदा की
ट्रूडो और अपनी ही पार्टी की सरकार की परोक्ष निंदा करते हुए, आर्य ने ट्वीट किया, ‘मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आतंकवाद का महिमामंडन या किसी धार्मिक समूह को निशाना बनाने वाले घृणा अपराध की अनुमति कैसे दी जाती है. अगर किसी श्वेत वर्चस्ववादी ने नस्लीय कनाडाई लोगों के किसी समूह पर हमला किया और उन्हें हमारे देश से बाहर निकलने के लिए कहा, तो कनाडा में आक्रोश फैल गया. लेकिन जाहिर तौर पर यह खालिस्तानी नेता इस घृणा अपराध से बच सकता है.’
Few days back Khalistan movement leader in Canada and the president of Sikhs for Justice which organizes the so-called referendum Gurpatwant Singh Pannun attacked Hindu-Canadians asking us to leave Canada and go back to India.
I have heard from many Hindu-Canadians who are… pic.twitter.com/z3vkAcsUDs— Chandra Arya (@AryaCanada) September 20, 2023
दूसरी ओर साथी सांसद धालीवाल ने संसद में दावा किया कि भारत में ‘सिखों के खिलाफ ज्यादतियों’ के खिलाफ बोलने के लिए उन्हें भारतीय वीजा देने से इनकार कर दिया गया था, जिसे उन्होंने ‘तथाकथित लोकतंत्र’ करार दिया था. उन्होंने कंजर्वेटिव, उदारवादियों, NDP और अन्य सभी कनाडाई राजनेताओं से इसकी निंदा करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘भारत की सरकार हमारी संसद को डराती है, जनता की तो बात ही छोड़िए.’
NDP के जगमीत सिंह ने कहा कि जब वह 2013 में ओंटारियो की प्रांतीय संसद के सदस्य थे, तो भारत ने उन्हें दिसंबर में अमृतसर जाने के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कनाडा से टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ऐसा लगता है कि भारत सरकार ‘नवंबर 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय मांगने के कारण’ उनसे नाराज है.

सांसद ने कनाडाई हिंदुओं को सतर्क रहने को कहा
साथी सिख सांसद हरजीत सिंह सज्जन, रणदीप सराय और इकविंदर सिंह गहीर ने भी संसद में ‘विदेशी हस्तक्षेप’ और ‘कनाडाई लोगों की रक्षा’ के उपायों के खिलाफ बात की. आर्य ने तर्क दिया कि हालांकि ‘अधिकांश कनाडाई सिख कई कारणों से खालिस्तान आंदोलन की सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं कर सकते हैं, लेकिन वे ‘पारिवारिक रिश्तों और साझा सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम से’ कनाडाई हिंदू समुदाय से गहराई से जुड़े हुए हैं. लिबरल सांसद ने कनाडाई हिंदुओं को शांत लेकिन सतर्क रहने और ‘हिंदूफोबिया की किसी भी घटना की रिपोर्ट स्थानीय कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को देने’ की सलाह दी है.
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Tags: Canada, Justin Trudeau
FIRST PUBLISHED : September 22, 2023, 12:50 IST
