हाइलाइट्स
अतुल चौरसिया को एक लाख रुपये की सम्मान राशि और स्मृति चिह्न दिया गया
गांधी मूलतः पत्रकार ही थे, उनकी पत्रकारिता जनता की पत्रकारिता थी: गांधी प्रेमी उत्तम परमार
भोपाल. देश के प्रतिष्ठित पत्रकारिता गुरु पुष्पेन्द्र पाल सिंह की जयंती पर प्रथम पीपी सिंह राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान समारोह आयोजित किया गया. पहला ‘पीपी सिंह नेशनल जर्नलिज्म अवार्ड’ पत्रकार अतुल चौरसिया को दिया गया. अतुल चौरसिया को एक लाख रुपये की सम्मान राशि और स्मृति चिह्न दिया गया. प्रोफेसर आनंद प्रधान ने कहा कि पुष्पेन्द्र पाल सिंह ऑर्गेनिक शिक्षक थे, वो अपने छात्रों को क्लास रूम की बाहर की दुनिया से भी अवगत कराते थे. पुष्पेन्द्र पाल सिंह स्मृति फाउंडेशन ने उनकी विरासत को बनाए रखने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया.
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद अतुल चौरसिया ने कहा कि निजी जीवन में गांधीजी मेरे नायक हैं और हम अपने पुरखों की प्रतिलिपि हैं. अतुल चौरसिया ने कहा कि गांधीजी (मोहनदास करमचंद गांधी) ने सत्य और अहिंसा जैसे तथ्यों को पिघलाकर अंग्रेजों को भारत से खदेड़ दिया. चौरसिया ने कहा कि आज लोकतंत्र में मीडिया की लड़ाई है. उन्होंने सवाल किया कि क्या जो लोग 26 जनवरी 1950 को नागरिक बने, उन्हें ये अधिकार मिल पाया. क्या लोगों के घर तक न्याय, बंधुत्व की भावना पहुंच सकी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता की डॉ. विजय बहादुर सिंह ने की. उन्होंने कहा कि कोई सरकार आप पर कुछ थोप दे, और आप प्रतिवाद न कर सकें तो आप जिंदा व्यक्ति नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जिन्होंने अपनी चेतना खो दी है, वे चैनलों पर दिखते हैं. उन्होंने कहा कि फाउंडेशन की यह पहल सराहनीय है. गांधीप्रेमी विचारक उत्तम परमार ने कहा कि लोकतंत्र में पत्रकार देश की रीढ़ की हड्डी होते हैं, इनका स्वतंत्र रहना जरूरी है.
पुरस्कार ग्रहण करते अतुल चौरसिया.
लोकप्रिय शिक्षक थे पीपी सर
प्रोफेसर पुष्पेन्द्र पाल सिंह लोकप्रिय शिक्षक थे. उनका इसी साल 7 मार्च को निधन हो गया था. वह अपने छात्रों के बीच पीपी सर के नाम से जाने जाते थे. वह भोपाल स्थित माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष थे. उन्होंने लगभग दो दशक तक अध्यापन का काम किया.
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Tags: Bhopal news, Journalist, Mahatma gandhi
FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 10:30 IST