देश हित मे......

कनाडा के लिए ‘खतरे की घंटी’, देश में फलफूल रहे ड्रग्स और इमीग्रेशन कार्टेल में पाकिस्तान का हाथ, खुफिया सूत्रों का दावा

नई दिल्ली. कनाडा की तरफ से सिख समुदाय के लिए समर्थन हमेशा रहा है, लेकिन यह पहली बार है कि देश हाल के खालिस्तान समर्थित प्रदर्शनों, जनमत संग्रह और यहां तक कि घोषित अपराधियों एवं आतंकवादियों को पनाह देने के साथ भारत के खिलाफ खुले तौर पर सामने आ रहा है. भारत के शीर्ष खुफिया सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

सूत्रों ने कहा, “यह आश्चर्य की बात है जब कनाडा जैसा विकसित देश 20 से अधिक जांचों और न्यायिक मामलों से जुड़े अदालतों के लंबित आवेदन पत्रों में सहयोग नहीं करता है. आपके भारत के साथ राजनयिक संबंध हैं, लेकिन आप जनमत संग्रह और राजनयिक मिशनों के सामने विरोध के मामले में अपनी धरती से खुले युद्ध की अनुमति दे रहे हैं. इसी तरह की चीजें नई दिल्ली में भी की जा सकती हैं, लेकिन कूटनीति का सम्मान करने के मद्देनजर हम कभी भी ऐसा करने की अनुमति नहीं देते हैं.”

हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत दौरे के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध एक नए निचले स्तर पर पहुंच गए. ट्रूडो की यात्रा के दौरान, पीएम नरेंद्र मोदी ने कनाडा में चरमपंथी तत्वों की जारी भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में उन्हें देश की कड़ी चिंताओं से अवगत कराया था.

इस बीच, ट्रूडो ने भारत पर इस साल की शुरुआत में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने बीते 19 सितंबर को आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ट्रूडो द्वारा किए गए दावे को ‘राजनीति से प्रेरित’ और ‘बेतुका’ बताया है.

भारत के लिए क्या है कनाडा में चिंता का विषय
सूत्रों ने कहा कि कनाडा में चिंता का विषय इमीग्रेशन कार्टेल है, जो भारतीय युवाओं को गैंगस्टरों में शामिल होने या नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल होने या भारत विरोधी विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि ये ड्रग कार्टेल पंजाब की युवा लड़कियों को भी वेश्यावृत्ति में धकेलते हैं.

एजेंसियों ने पाया है कि कनाडा में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले युवा मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (यूके), जर्मनी और अन्य देशों से हैं. सूत्रों ने कहा कि वे स्थानीय सिख कनाडाई लोगों के निमंत्रण पर कनाडा जाते हैं और ट्रूडो द्वारा समर्थित हैं.

पाकिस्तान का हाथ
एक और चिंता है ट्रूडो की पार्टी – द लिबरल पार्टी ऑफ़ कनाडा – में पाकिस्तान की पैठ. खुफिया सूत्रों का कहना है कि बिलाल चीमा, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की ओर से काम करता है, ट्रूडो की पार्टी को फंड करता है. उन्होंने कहा, “जब भी ट्रूडो ब्रिटिश कोलंबिया का दौरा करते हैं, वह उनके घरों पर रुकते हैं.”

पाकिस्तान का समर्थन हासिल करने के लिए कनाडा की साजिश
सूत्रों ने कहा कि हाल ही में, कनाडा ने पाकिस्तान से पैसा और समर्थन हासिल करने के लिए अधिक पाकिस्तानी छात्रों को वीजा जारी करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, “ट्रूडो पाकिस्तानियों द्वारा आयोजित प्रमुख कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, लेकिन ट्रूडो के प्रमुख समर्थक सुख धालीवाल जैसे भारतीय मूल के उद्यमी और अन्य कभी भी किसी भी भारतीय कार्यक्रम में शामिल नहीं होते हैं. उन्हें पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी देखा गया था, लेकिन वे भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह में कभी शामिल नहीं हुए.”

सूत्रों ने आगे बताया, “ब्रिटिश कोलंबिया मस्जिद के एक मौलवी को भी ट्रूडो की पार्टी में विधायक के रूप में एक सीट मिलने की संभावना है, जबकि चीमा को सांसद रणदीप सराय की मदद से सांसद के रूप में एक सीट मिलेगी. लेकिन उन्होंने कभी भी किसी पंजाबी, गुजराती या किसी अन्य को सीट की पेशकश नहीं की है.”

Tags: Canada, Justin Trudeau, Pakistan

Source link

traffictail
Author: traffictail

Facebook
Twitter
WhatsApp
Reddit
Telegram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बरेली। पोल पर काम करते संविदा कर्मचारी को लगा करंट, लाइनमैन शेर सिंह की मौके पर ही मौत, घंटो पोल पर लटका रहा शव, परिजनों ने लगाया विभाग पर लापरवाही का आरोप, बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के एफसीआई गोदाम के पास की घटना, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा,

Weather Forecast

DELHI WEATHER

पंचांग