नई दिल्लीः पिछले एक दशक से भी अधिक समय से युद्ध का दंश झेल रहे सीरिया में गुरुवार को एक बार फिर बड़ा हमला हुआ, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. बताया जा रहा है कि सैन्य समारोह से सीरिया के रक्षा मंत्री के जाने के कुछ देर बाद ही ड्रोन द्वारा बम बरसने लगे. यह हाल के वर्षों में सीरियाई सेना पर सबसे घातक हमलों में से एक था. सीरिया में पिछले तेरह वर्षों से संघर्ष जारी है. शहर के स्वास्थ्य निदेशक डॉ. मुसलेम अल-अतासी ने कहा कि इन हमलों से होम्स में हो रहे समारोह पर असर पड़ा, क्योंकि समारोह समापन की ओर था. उन्होंने बताया कि हताहतों में आम नागरिक और सैन्यकर्मी दोनों शामिल हैं.
सीरियाई सेना ने विद्रोहियों पर हमले का लगाया आरोप
अल-अतासी ने बताया कि कई घायलों की हालत गंभीर है और उनका इलाज सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स के कई अस्पतालों में किया जा रहा है. सीरिया की सेना ने पहले एक बयान में कहा कि विस्फोटकों से युक्त ड्रोन ने युवा अधिकारियों और उनके परिवारों को निशाना बनाया. उन्होंने किसी विशेष समूह का नाम लिये बिना, हमले के लिए ‘ज्ञात अंतरराष्ट्रीय ताकतों द्वारा समर्थित’ विद्रोहियों पर आरोप लगाया.
हमले का किसी आतंकवादी संगठन ने नहीं ली जिम्मेदारी
हालांकि, अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. आधिकारिक समाचार एजेंसी SANA द्वारा दिए गए सेना के एक बयान में कहा गया है कि मध्य सीरियाई शहर होम्स में, “सशस्त्र आतंकवादी संगठनों” ने “सैन्य अकादमी के अधिकारियों के लिए स्नातक समारोह” को निशाना बनाया, जिसमें हताहतों की संख्या की सूचना दी गई. सीरिया के सरकारी टेलीविजन ने कहा कि सरकार ने शुक्रवार से तीन दिन के शोक की घोषणा की है.
सैन्य कार्यक्रम के दौरान हुए हमले में 100 से अधिक लोगों की मौत
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि इस हमले में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जिनमें लगभग 14 आम नागरिक शामिल हैं. साथ ही कम से कम 125 अन्य घायल हुए हैं. हालांकि हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन द्वारा नहीं ली गई है. सैन्य बयान के अनुसार, हमला “विस्फोटक से भरे ड्रोन” के साथ किया गया था. ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स, एक विपक्षी युद्ध मॉनिटर और सरकार समर्थक ‘शाम एफएम’ रेडियो स्टेशन ने सबसे पहले हमलों की सूचना दी थी.

सीरियाई सेना ने भी की जवाबी कार्रवाई
सीरियाई सेना ने कहा, ‘वह इन आतंकवादी संगठनों को पूरी ताकत और निर्णायकता से जवाब देगी, चाहे वे कहीं भी मौजूद हों’. सीरिया का संकट मार्च 2011 में राष्ट्रपति बशर असद की सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर सरकार की क्रूर कार्रवाई के बाद जल्द ही यह गृहयुद्ध में बदल गया. ड्रोन हमले के बाद, सीरियाई सरकारी बलों ने विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम के इदलिब प्रांत के गांवों पर गोलाबारी की. वहां किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है. (इनपुट भाषा से)
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FIRST PUBLISHED : October 6, 2023, 06:34 IST
