हाइलाइट्स
भविष्य पुराण के अनुसार, आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को जितिया व्रत या जीवित्पुत्रिका व्रत रखते हैं.
आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर को सुबह 06:34 एएम से लेकर 7 अक्टूबर को सुबह 08:08 बजे तक है.
जितिया व्रत का पूजा मुहूर्त: सूर्यास्त के बाद, 06:02 पीएम से.
इस बार जितिया व्रत की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई है. लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि जितिया व्रत 6 अक्टूबर को रखें या फिर 7 अक्टूबर को? दरअसल जितिया व्रत की तारीख को तय करने के कुछ नियम हैं, जिसमें उदयातिथि के अलावा भी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. उदयातिथि के आधार पर जितिया व्रत रखने के लिए अलग स्थितियां होती हैं. व्रत के पारण समय और पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखकर भी जितिया व्रत की तारीख तय की जाती है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि इस साल जितिया व्रत किस तारीख को रखा जाए? जितिया व्रत का पूजा मुहूर्त क्या है?
कैसे तय होती है जितिया व्रत की सही तारीख?
भविष्य पुराण के अनुसार, आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को जितिया व्रत या जीवित्पुत्रिका व्रत रखते हैं. इसके लिए आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रदोषव्यापिनी होना आवश्यक है. इसका अर्थ है कि आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि में प्रदोष काल होना चाहिए क्योंकि उस समय में जितिया व्रत की पूजा करते हैं. माताएं राजा जीमूतवाहन की पूजा करती हैं.
इसके अलावा अष्टमी तिथि प्रदोष में दो दिन हो तो काल की प्रधानता और नवमी तिथि में पारण को ध्यान में रखते हुए जितिया व्रत दूसरे दिन करना उचित है. पहले दिन व्रत रखने पर पारण अष्टमी में ही होगा, जो दूषित माना जाता है.
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यदि अष्टमी पहले दिन प्रदोष में है और दूसरे दिन नहीं है तो जितिया व्रत पहले ही दिन करना उत्तम है. अष्टमी तिथि के समापन के बाद नवमी में व्रत का पारण करें. भविष्य पुराण में अष्टमी तिथि में जितिया व्रत का पारण वर्जित है. यदि अष्टमी तिथि में प्रदोष काल नहीं है तो जितिया व्रत उदयातिथि के आधार पर अष्टमी को रखते हैं.
जितिया व्रत 2023 किस तारीख को है?
जितिया व्रत आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस बार आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर को सुबह 06:34 एएम से लेकर 7 अक्टूबर को सुबह 08:08 बजे तक है. उदयातिथि के आधार पर अष्टमी 7 अक्टूबर को है, लेकिन जितिया व्रत उस दिन नहीं रखा जाएगा. इस साल जितिया व्रत 6 अक्टूबर को रखना उचित है और शास्त्र सम्मत भी है.
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इस साल आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि में प्रदोष काल 6 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है क्योंकि 7 अक्टूबर को अष्टमी सुबह में खत्म हो रही है. सूर्यास्त के बाद और रात्रि के प्रारंभ से पूर्व के समय को प्रदोष काल कहते हैं. प्रदोष काल में जितिया व्रत की पूजा होगी. 7 अक्टूबर को सुबह 08:08 बजे से नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. उस समय से जितिया व्रत का पारण होगा.
जितिया व्रत 2023: 6 अक्टूबर, शुक्रवार
जितिया व्रत का पूजा मुहूर्त: सूर्यास्त के बाद, 06:02 पीएम से
जितिया व्रत 2023 का पारण: 7 अक्टूबर, शनिवार, सुबह 08:08 बजे के बाद से
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Tags: Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : October 5, 2023, 09:31 IST
