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अब दवा से उग जाएंगे आपके टूटे हुए दांत, वैज्ञानिकों ने कर दिया कमाल, यहां शुरू हुआ ह्यूमन ट्रायल

ओसाका (जापान). जानवरों पर किए गए टेस्‍ट में मिली सफलता के बाद जापानी (Japan) फार्मास्‍युटिकल स्‍टार्टअप ने खोए हुए दांतों को फिर से उगाने वाली अपनी नई दवा का ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की तैयारी कर ली है. इस दवा को अपनी तरह की दुनिया की सबसे पहली दवा कहा जा रहा है. जापान टाइम्‍स ने इस बारे में बड़ी रिपोर्ट जारी की है. उसका दावा है कि दवा के बाद जानवरों में सफलतापूर्वक नए दांत उगाए हैं. इसी दवा से 5 साल पहले चूहों में नए दांत उगाए गए थे.

प्रोजेक्ट के प्रमुख शोधकर्ता और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट किटानो अस्पताल में दंत चिकित्सा और सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. कात्सु ताकाहाशी ने बताया कि हर डेंटिस्‍ट का सपना होता है कि वह नए दांत उगा सके. उन्‍होंने बताया कि इस प्रोजेक्‍ट पर लंबे समय से काम हो रहा था और मुझे पूरा भरोसा था कि मैं ऐसा कर पाऊंगा. और अब उन वयस्कों को राहत मिलेगी जिन्‍होंने किसी कारण से अपना दांत खो दिया था. इस बारे में रिसर्च पेपर जारी किया गया है.

क्योटो विश्वविद्यालय और फुकुई विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को मिली सफलता
उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों को उनके दांत टूटने पर टूथ फेरी (दांत वाली परी) की कहानी बताई जाती है जो तकिए के नीचे छोटा सा गिफ्ट दे जाती है और जल्‍द ही दांत उग जाता है. अब दवा को स्वीकृति मिल जाने के बाद वयस्‍कों में भी दांत उगाया जा सकेगा. क्योटो विश्वविद्यालय और फुकुई विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक नए अध्‍ययन ने आशाएं जगा दी हैं. इसकी रिपोर्ट है कि एक जीन के लिए एक एंटीबॉडी- गर्भाशय संवेदीकरण से संबंधित जीन-1 या USAG-1- टूथ एजेनेसिस, एक जन्मजात स्थिति से पीड़ित चूहों में दांतों के विकास को उत्तेजित कर सकता है.

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जिस आनुवांशिक कारण से अधिक दांत उगते हैं, उसकी पहचान से मिली सफलता
हालाँकि सामान्य वयस्क के मुँह में 32 दाँत होते हैं, लगभग 1% आबादी में जन्मजात स्थितियों के कारण ये कम या ज्यादा होते हैं. वैज्ञानिकों ने वयस्कों में दांतों को पुनर्जीवित करने की कोशिश में उन आनुवांशिक कारणों का पता लगाया है जिनके कारण सामान्‍य की अपेक्षा अधिक दांत हो जाते हैं. डॉ. कात्सु ताकाहाशी ने बताया कि वह 2005 से क्योटो विश्वविद्यालय में इसको लेकर शोध कर रहे हैं. ताकाहाशी ने चूहों में एक विशेष जीन के बारे में पता लगाया जो उनके दांतों के विकास को प्रभावित करता है. इस जीन के लिए एंटीबॉडी, यूएसएजी-1, दांतों के विकास को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है.

दांतों को उगाने के लिए चूहों और नेवले पर किए गए सफल परीक्षण
वैज्ञानिकों ने तब से एक ‘निष्क्रिय एंटीबॉडी दवा’ विकसित करने के लिए काम किया है जो यूएसएजी-1 को अवरुद्ध करने में सक्षम है. अब, उनकी टीम इस सिद्धांत का परीक्षण कर रही है कि इस प्रोटीन को “अवरुद्ध” करने से अधिक दांत बढ़ सकते हैं. चूहों पर अपने सफल परीक्षणों के बाद, टीम ने फेरेट्स (नेवले) पर भी इसी तरह के सकारात्मक परीक्षण किए – ऐसे जानवर जिनके दांतों का पैटर्न इंसानों के समान होता है.

Tags: Controlled Clinical Trial, Japan News, Researcher, Science news

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Author: traffictail

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